हो रही है सांता क्लाज की भर्ती
क्रिसमस आने में बस एक महीना रह गया है। इन दिनों सड़कों, रेस्तरांओं और माल्स में सांता क्लाज को छोटो-बड़ों का मनोरंजन करते देखा जा सकता है। लेकिन इस साल जर्मनी में सांता क्लाज की कमी पड़ गई है। कंपनियां सांता क्लाज की भर्ती के लिए बाकायदा विज्ञापन दे रही हैं।
जरा इस विज्ञापन पर नजर डालें। हमें एक मजाकिया, थोड़ा गोल-मटोल एक ऐसा आदमी चाहिए जिसका कोई आपराधिक रिकार्ड न हो। सफेद दाढ़ी वाले लोगों को तरजीह दी जाएगी। एक प्रमुख जाब एजेंसी के मुताबिक हम तेजी से ऐसे पढ़े-लिखे लोग खोज रहे हैं जिन्हें जल्दी से प्रशिक्षण देकर सांता क्लाज बनाया जा सके।
म्यूनिख में सांता की नियुक्तियां करने वाले प्रमुख जेंस विटेनबर्गर के अनुसार सांता क्लाज बनना आसान काम नहीं है। शापिंग माल्स, निजी पार्टियों और बाजारों में नियुक्त किए जाने वाले सांता क्लाज में कुछ खास विशेषताएं होनी चाहिए। जैसे वह बच्चों के साथ आसानी से घुलमिल सके। उसे अच्छा संगठनकर्ता, विश्वसनीय और कुशल अभिनेता भी होना चाहिए। यह नहीं, उन्हें कुछ छोटी-छोटी बातों का ख्याल रखना पड़ता है। हर बच्चा जानता है कि सांता रेनडीयर द्वारा खींचे जाने वाली स्लेज (बर्फ पर चलने वाली) गाड़ी पर आता है।
इस कारण उसे अपनी कार तैनाती की जगह से थोड़ी दूर खड़ी करके मौके तक पैदल आना होता है। हालांकि सांता बनना मुश्किल काम होता है। लेकिन मंदी के इस दौर में बेरोजगारी से तो अच्छा ही है। जागरण
जरा इस विज्ञापन पर नजर डालें। हमें एक मजाकिया, थोड़ा गोल-मटोल एक ऐसा आदमी चाहिए जिसका कोई आपराधिक रिकार्ड न हो। सफेद दाढ़ी वाले लोगों को तरजीह दी जाएगी। एक प्रमुख जाब एजेंसी के मुताबिक हम तेजी से ऐसे पढ़े-लिखे लोग खोज रहे हैं जिन्हें जल्दी से प्रशिक्षण देकर सांता क्लाज बनाया जा सके।
म्यूनिख में सांता की नियुक्तियां करने वाले प्रमुख जेंस विटेनबर्गर के अनुसार सांता क्लाज बनना आसान काम नहीं है। शापिंग माल्स, निजी पार्टियों और बाजारों में नियुक्त किए जाने वाले सांता क्लाज में कुछ खास विशेषताएं होनी चाहिए। जैसे वह बच्चों के साथ आसानी से घुलमिल सके। उसे अच्छा संगठनकर्ता, विश्वसनीय और कुशल अभिनेता भी होना चाहिए। यह नहीं, उन्हें कुछ छोटी-छोटी बातों का ख्याल रखना पड़ता है। हर बच्चा जानता है कि सांता रेनडीयर द्वारा खींचे जाने वाली स्लेज (बर्फ पर चलने वाली) गाड़ी पर आता है।
इस कारण उसे अपनी कार तैनाती की जगह से थोड़ी दूर खड़ी करके मौके तक पैदल आना होता है। हालांकि सांता बनना मुश्किल काम होता है। लेकिन मंदी के इस दौर में बेरोजगारी से तो अच्छा ही है। जागरण