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    ..और आज अपनों से कहिए आई लव यू

    उपभोक्तावादी संस्कृति द्वारा पूरी दुनिया को अपनी चपेट में लिए जाने के बाद आज रिश्तों की परिभाषा ही बदल गई है। संबंधों से गर्माहट के साथ ही एक और मीठी सी चीज जो गायब होती जा रही है वह है, प्यार।
    शायद प्यार के इसी सूखते सोते में फिर से हरा करने के लिए ही दुनिया भर में 19 जनवरी का दिन प्रेम दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। हालांकि ऐसा नहीं है कि आप केवल 19 जनवरी को ही आई लव यू कह सकते हैं। साल के 365 दिन ऐसे होते हैं जब रिश्तों को प्यार की चुस्की की जरूरत होती है।
    समाजशास्त्रियों की राय में आधुनिक दौड़भाग की जिंदगी में हर रिश्ते में से प्यार मुट्ठी से फिसलती रेत की तरह होता जा रहा है। आज न तो पति-पत्नी के पास और न ही मां बाप और बच्चों के पास इतना समय है कि वे एक दूसरे को गले लगाकर कह सकें मैं आपको प्यार करता हूं। जब कहने की ही फुर्सत नहीं है तो प्यार करने के लम्हे चुराने की कौन कहे।
    पूरी दुनिया में 19 जनवरी को यह दिवस मनाया जाता है, लेकिन इसकी शुरुआत कब, कहां और कैसे हुई, इसके बारे में कोई अधिकृत जानकारी उपलब्ध नहीं है। इतना जरूर है कि लोग इस दिन अपने प्रियजनों को ग्रीटिंग का‌र्ड्स जरूर भेजते हैं।
    शेल कहती हैं कि परिवार में सभी एक दूसरे को प्यार करते हैं लेकिन कभी कभार प्यार की यह भावना लफ्जों का भी आलिंगन चाहती है। ऐसे में आई लव यू के तीन शब्द रिश्तों की पौध में पानी का सा काम करते हैं और संबंधों में नई जान आ जाती है।
    कुछ लोग शर्मीले स्वभाव के होते हैं तो वे शब्दों का सहारा नहंी ले पाते लेकिन ऐसे लोगों के लिए ही शायद आदम और हौवा ने भावों की भाषा गढ़ी होगी। सबसे बढि़या तरीका है कि फूलों का गुलदस्ता भेजिए और उसमें एक नोट लगा दीजिए आई लव यू का।
    एक प्रतिष्ठित विज्ञापन कंपनी में आर्ट डायरेक्टर रिहालिका कहती हैं कि आप जिसे प्यार करते हैं उसके लिए थोड़ा समय निकालिए। जब वह सोए हुए हों तो अल सुबह ओस की बूंदों से भीगी गुलाब की पंखुडि़यां उनके ऊपर बिखेर दीजिए और एक शानदार नाश्ते से स्वागत कीजिए।
    ऐसा नहीं है कि पति और पत्नी को ही प्यार की जरूरत है, बच्चे भी मां बाप से ऐसी ही उम्मीद लगाते हैं। रिहालिका कहती हैं कि एक क्षण के लिए अपने बच्चे की नाक से अपनी नाक रगड़ कर उसके बालों में हाथ फिरा दीजिए या उसे बांहों में लेकर घूम जाइए। इतना भर करने से उसकी किलकारियों से घर का हर कोना गूंज उठेगा और आप खुद को अपने लाड़ले या लाड़ली के अधिक करीब पाएंगे।
    बच्चों की ही तरह बुजुर्ग भी प्यार के लिए तरसते रहते हैं। उन्हें इन जादुई तीन शब्दों के बजाय उनके अहसास की अधिक जरूरत होती है। इसलिए किसी गुलाबी सी शाम को अपने दादा दादी या नाना नानी का हाथ हल्के से पकडि़ए और फूलों भरे पार्क की बेंच पर बैठकर उनकी गोद में सिर रख दीजिए तो उनके लिए यही आपका आई लव यू है।
    तो ज्यादा सोचिए मत। आज दुनिया को प्यार और अपनेपन की बहुत जरूरत है। इसलिए अभी तक जो नहीं किया या कहा है उसे कर डालिए और धीरे से अपने प्रिय के कान में कहिए आई लव यू। jagran

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